संविधान का निर्माण एक नए युग की शुरुआत
भारतीय संविधान 26 जनवरी 1950 को अस्तित्व में आया और यह दुनिया का सबसे लंबा
संविधान है। यदि हम अपने देश वेफ आकार और विविधता पर ध्यान दें तो इसकी लंबाई
व पेचीदगी को आसानी से समझ सकते हैं। स्वतंत्राता वेफ समय भारत न वेफवल एक विशाल
और विविधतापूर्ण बल्कि गहरे तौर पर बिखरा हुआ देश भी था। ऐसे में देश की एकजुटता
और प्रगति वेफ लिए एक विस्तृत, गहन विचार-विमर्श पर आधारित और सावधानीपूर्वक
सूत्राब( किया गया संविधान लाशिमी था। हमारे संविधान ने अतीत और वर्तमान वेफ घावों
पर मरहम लगाने और विभिन्न वर्गों, जातियों व समुदायों में बँटे भारतीयों को एक साझा
राजनीतिक प्रयोग में शामिल करने में मदद दी है। दूसरी ओर, इस संविधान ने लंबे समय
से चली आ रही ऊँच-नीच और अधीनता की संस्वृफति में लोकतांत्रिक संस्थानों को
विकसित करने का भी प्रयास किया है।
भारत का संविधान
भारत वेफ संविधान को दिसंबर 1946 से दिसंबर 1949 वेफ बीच सूत्राब( किया गया। इसदौरान संविधान सभा में इसवेफ मसविदे वेफ एक-एक भाग पर लंबी चर्चाएँ चलीं। संविधान सभा के कुल 11 सत्रा हुए जिनमें 165 दिन बैठकों में गए। सत्रों वेफ बीच विभिन्न समितियाँ
और उपसमितियाँ मसविदे को सुधारने और सँवारने का काम करती थीं।
राजनीति शास्त्रा की पाठ्यपुस्तकों को पढ़ने वेफ बाद आप यह जान चुवेफ होंगे कि
भारत का संविधान कैसा है। आप देख चुवेफ हैं कि आशादी वेफ बाद इस संविधान की
क्या उपयोगिता और सार्थकता रही है। इस अध्याय में हम संविधान वेफ इतिहास और
उसवेफ निर्माण वेफ दौरान हुई गहन परिचर्चा को जानेंगे। यदि संविधान सभा में उठने
वाली आवाशों को सुनने का प्रयास करें तो हमें उन प्रव्रिफयाओं का अंदाशा लग जाएगा
जिनवेफ माध्यम से संविधान को सूत्राब( किया गया और एक नए राष्ट्र की कल्पना
साकार हुई।
काल-रेखा
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26 जुलाई ब्रिटेन में लेबर पार्टी की सरकार सत्ता में आती है
दिसंबर-जनवरी भारत में आम चुनाव
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16 मई वैफबिनेट मिशन अपनी संवैधानिक योजना की घोषणा करती है
16 जून मुस्लिम लीग वैफबिनेट मिशन की संवैधानिक योजना पर स्वीवृफति देती है
16 जून वैफबिनेट मिशन वेंफद्र में अंतरिम सरकार वेफ गठन का प्रस्ताव पेश करता है
2 सितं बर कांग्रेस अंतरिम सरकार का गठन करती है जिसमें नेहरू को उपराष्ट्रपति बनाया जाता है
13 अक्तूबर मुस्लिम लीग अंतरिम सरकार में शामिल होने का पैफसला लेती है
3-6 दिसंबर ब्रिटिश प्रधानमंत्राी एटली वुफछ भारतीय नेताओं से मिलते हैं। इन वार्ताओं का कोई नतीजा
नहीं निकलता।
9 दिसंबर संविधान सभा वेफ अधिवेशन शुरू हो जाते हैं
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29 जनवरी मुस्लिम लीग संविधान सभा को भंग करने की माँग करती है
16 जुलाई अंतरिम सरकार की आखिरी बैठक
11 अगस्त जिन्ना को पाकिस्तान की संविधान सभा का अध्यक्ष निर्वाचित किया जाता है
14 अगस्त पाकिस्तान की स्वतंत्राता: कराची में जश्न
14-15 अगस्त मध्यरात्रि भारत में स्वतंत्राता का जश्न
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दिसबंर संविधान पर हस्ताक्षर
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