राजस्थान कि सिंचाई व पेयजल परियोजनाएँ
१. सिद्धमुख नोहर परियोजना : इस योजना से चुरू जिला भी लाभान्वित होगा (हनुमानगढ़)
२. यमुना राजस्थान लिंक : शारदा नदी का पानी राजस्थान में प्रवाहित करने के लिए यमुना राजस्थान लिंक का निर्माण किया जायेगा. जिसका पानी चुरू जोले से राजस्थान में प्रवेश करेगा. (चुरू)
३. बीसलपुर दूदू परियोजना : २२ मई २००६ को प्रारम्भ (जयपुर, टोंक और नागौर), काफर डेम : राज्य सरकार द्वारा जयपुर को पेयजल पानी उपलब्ध कराने हेतू – जयपुर
४. राहू घाट विद्युत परियोजना : चम्बल नदी पर चार बांध बनाये जायेंगे – करौली
५. इसरदा बांध – सवाई माधोपुर
६. बीसलपुर बांध – टोंक
७. लासी व अँधेरी परियोजना – बारां
८. पीपलाद व गागरोन परियोजना – झालावाड
९. तकली – कोटा
१०. माही सिंचाई परियोजना – बाँसवाडा
११. सोम-कमला-अम्बा परियोजना – डूंगरपुर
१२.देवास द्वितीय योजना – उदयपुर
१३.नर्मदा परियोजना – जालोर
१४. सुजलम् परियोजना – बाड़मेर
१५. दोथली बांध – अजमेर
१६. पार्वती योजना – धौलपुर
१७. अडवान बांध : (शाहपुरा के पास मंसी नदी पर) (भीलवाड़ा)
१८.चावण सिंचाई योजना – केशवरायपाटन (बूंदी)
राजस्थान में चम्बल घाटी परियोजना
प्रारम्भ – १९५३-५४
राजस्थान का हिस्सा – ५० %
गांधीसागर बांध – चम्बल परियोजना के प्रथम चरण में १९५९ में मध्यप्रदेश के चौरासीगढ़ स्थान के पास रामपुरा मानपुरा के पठारो के बीच निर्मित बांध
कोटा सिंचाई बांध – कोटा ताप विद्युत घर स्थापित
राणा प्रताप सागर बांध – चित्तौड़गढ़ जिले के रावतभाटा के समीप (१९७० में राष्ट्र को समर्पित)
इस बांध की कुल विद्युत उत्पादन क्षमता १७२ मेगावाट है
सर्वाधिक सिंचाई वाले जिले – कोटा बारां और बूंदी
लिफ्ट योजनाएँ
Ø जालीपुरा लिफ्ट स्कीम, दीगोद लिफ्ट स्कीम – कोटा
Ø अंता लिफ्ट स्कीम, पचेल लिफ्ट स्कीम – बारां
Ø सोरखंड लिफ्ट स्कीम – बारां
Ø अंता लिफ्ट माइनर, गणेश गंज लिफ्ट स्कीम, कचारी लिफ्ट स्कीम – बारां
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